रोहतक से संबंध रखने वाली 90 वर्षीय मुंबईकर भटेरी देवी ने जीवन भर अमानवीय मज़दूरी, जातीय उत्पीड़न, और पारिवारिक त्रासदी सहने के बावजूद अपने भीतर कड़वाहट को जगह नहीं दी, बल्कि उन्होंने ख़ुद को आत्मनिर्भर बनाया और काफ़ी उत्साहित रहती हैं
भाषा सिंह एक स्वतंत्र पत्रकार और लेखक हैं, और साल 2017 की पारी फ़ेलो हैं. हाथ से मैला ढोने की प्रथा पर आधारित उनकी पुस्तक, ‘अदृश्य भारत', (हिंदी) पेंगुइन प्रकाशन द्वारा 2012 में प्रकाशित हुई थी (अंग्रेज़ी में 'अनसीन' नाम से साल 2014 में प्रकाशित). वह उत्तर भारत के कृषि संकट, परमाणु संयंत्रों से जुड़ी राजनीति और ज़मीनी हक़ीक़त, तथा जेंडर, दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर पत्रकारिता करती रही हैं.
Translator
Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।