हमारे-पास-पहाड़ियां-और-जंगल-हैं-हम-यहीं-रहते-हैं

Chamarajanagar district, Karnataka

Sep 26, 2019

‘हमारे पास पहाड़ियां और जंगल हैं, हम यहीं रहते हैं’

इस फोटो निबंध में लोक्केरे गांव की नागी शिवा, कर्नाटक के बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान के किनारे की अपनी दुनिया और चिंताओं को प्रस्तुत कर रही हैं। यह ‘पारी’ पर प्रकाशित बांदीपुर से संबंधित छह निबंधों की श्रृंखला की दूसरी कड़ी है

Translator

Qamar Siddique

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Author

Nagi Shiva

नागी शिवा लोक्केरे गांव में रहती हैं, जो भारत के प्रमुख बाघ अभ्यारण्यों में से एक, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान के किनारे स्थित है। वह घरेलू कामगार के रूप में जीविकोपार्जन करती हैं।

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।