गुजरात के इस तटीय ज़िले में लाखों मछुआरे निरंतर प्रतिकूल परिस्थितियों में अपनी जान को जोखिम में डालकर काम पर जाते हैं. सालों पहले किए गए सरकारी वायदों के बावजूद आकस्मिक स्वास्थ्य सुविधाएं और सेवाएं उनकी पहुंच से आज भी बहुत दूर हैं
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
Editor
Sangeeta Menon
संगीता मेनन, मुंबई स्थित लेखक, संपादक और कम्युनिकेशन कंसल्टेंट हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.