ऐसा-लग-रहा-था-मानो-पूरा-देश-पैदल-चल-रहा-हो

Gondia, Maharashtra

Nov 02, 2021

'ऐसा लग रहा था मानो पूरा देश पैदल चल रहा हो'

भयानक परिस्थितियों में 800 किलोमीटर पैदल चलने के महीनों बाद, महाराष्ट्र के गोंदिया ज़िले के प्रवासी मज़दूर अप्रैल-जून के लॉकडाउन के दौरान तेलंगाना से अपने घरों की ओर की गई उस पैदल यात्रा को याद कर रहे हैं

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Author

Jaideep Hardikar

जयदीप हार्दिकर, नागपुर के वरिष्ठ पत्रकार हैं और पारी के घुमंतू रिपोर्टर हैं. उन्होंने 'रामराव: द स्टोरी ऑफ़ इंडियाज़ फार्म क्राइसिस' नामक किताब लिखी है. साल 2025 में, जयदीप को रामोजी उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार से नवाज़ा गया. यह पुरस्कार "सार्थक, ज़िम्मेदार और प्रभावशाली पत्रकारिता की दिशा में उनके योगदान” के लिए दिया गया, जो लोगों को “सामाजिक जागरूकता, करुणा और बदलाव के लिए प्रेरित करता है."

Translator

Pankhuri Zaheer Dasgupta

पंखुरी ज़हीर दासगुप्ता, दिल्ली में स्थित एक स्वतंत्र शोधकर्ता और लेखिका हैं. पंखुरी नृत्य एवं नाटक में ख़ास रुचि रखती हैं. वह 'जिंदगी ऐज़ वी नो इट' नामक साप्ताहिक पॉडकास्ट की सह-मेज़बानी भी करती हैं.