क्या सुविधाओं के अभाव में टूट जाएगा गोल्ड मेडल जीतने का ख़्वाब?
ग्रामीण महाराष्ट्र के युवा एथलीट बुनियादी सुविधाओं व उपकरणों के अभाव, सरकार की उपेक्षा और उदासीनता के बाद भी मेडल जीतने में कामयाब हो रहे हैं. राष्ट्रीय खेल दिवस [29 अगस्त] के मौक़े पर प्रकाशित स्टोरी
ज्योति, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की एक रिपोर्टर हैं; वह पहले ‘मी मराठी’ और ‘महाराष्ट्र1’ जैसे न्यूज़ चैनलों के साथ काम कर चुकी हैं.
Editor
Pratishtha Pandya
प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.