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Cuddalore, Tamil Nadu

Nov 22, 2025

विरुधाचलम: धरती से फूटी कला

तमिलनाडु के विरुधाचलम में कुम्हार चीनी मिट्टी से बनी गुड़िया और मिट्टी के दीये बनाते हैं. इस काम से नियम उन्हें न तो नियमित आमदनी होती है और न ही उन्हें वैसा सम्मान मिलता है जिसके वे हकदार हैं. इसके बावजूद इन कलाकारों की हिम्मत नहीं टूटी है. वे अपने हाथों से मिट्टी को आकार देकर कलाएं गढ़ते हैं

Translator

Pratima

Author and Photographer

M. Palani Kumar

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Author and Photographer

M. Palani Kumar

एम. पलनी कुमार पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के स्टाफ़ फोटोग्राफर हैं. वह अपनी फ़ोटोग्राफ़ी के माध्यम से मेहनतकश महिलाओं और शोषित समुदायों के जीवन को रेखांकित करने में दिलचस्पी रखते हैं. पलनी को साल 2021 का एम्प्लीफ़ाई ग्रांट और 2020 का सम्यक दृष्टि तथा फ़ोटो साउथ एशिया ग्रांट मिल चुका है. साल 2022 में उन्हें पहले दयानिता सिंह-पारी डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफी पुरस्कार से नवाज़ा गया था. पलनी फ़िल्म-निर्माता दिव्य भारती की तमिल डॉक्यूमेंट्री ‘ककूस (शौचालय)' के सिनेमेटोग्राफ़र भी थे. यह डॉक्यूमेंट्री तमिलनाडु में हाथ से मैला साफ़ करने की प्रथा को उजागर करने के उद्देश्य से बनाई गई थी.

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Pratima

प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.