हमारे देश का हैरान-परेशान करने वाला, लेकिन उम्मीद से लबरेज़ वर्तमान और विवादों से घिरा रहने वाला इतिहास आपस में गूंथा नज़र आता है और एक कवि की कविता में हमारी पौराणिक कथाओं के ज़रिए बयान होता है
अंशु मालवीय, हिन्दी के वरिष्ठ कवि हैं जिनके तीन कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. वह इलाहाबाद में रहते हैं और बतौर सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकर्ता, शहरी ग़रीबों और असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों के बीच सक्रिय हैं. वह मिली-जुली विरासत संजोने का महत्वपूर्ण काम भी कर रहे हैं.
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Mohan
मोहन, मुंबई में स्थित स्वतंत्र चित्रकार और लेखक हैं.
Editor
Pratishtha Pandya
प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.