गुजरात-हमें-किसी-तरह-अपना-पेट-भरना-है

Banaskantha, Gujarat

Dec 09, 2022

गुजरात: ‘हमें किसी तरह अपना पेट भरना है’

गुजरात के बनासकांठा ज़िले के तमाम किसानों की तरह भानुबेन भरवाड ने भी साल 2017 की बाढ़ में अपना सारा खेत गंवा दिया. बाढ़ और दूसरी प्राकृतिक आपदाओं ने उनकी तरह अनेक परिवारों को खाद्य-सुरक्षा और पोषणयुक्त आहार से वंचित कर दिया है

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Author

Parth M.N.

पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.

Editor

Vinutha Mallya

विनुता माल्या पेशे से पत्रकार और संपादक हैं. वह पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की एडिटोरियल चीफ़ रह चुकी हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.