मलकानगिरी: जहां प्रसव से पहले पहाड़ लांघती हैं गर्भवती औरतें
ओडिशा के मलकानगिरी में जलाशय क्षेत्र की आदिवासी बस्तियों में, घने जंगलों, ऊंची पहाड़ियों और राज्य-मिलिटेंट संघर्ष के बीच, नाव की अनियमित यात्रा-सेवाएं और टूटी सड़कें ही वहां की दुर्लभ स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचने का एकमात्र ज़रिया हैं
जयंती बुरुडा, ओडिशा के मलकानगिरी के सेरपल्ली गांव की रहवासी हैं, और कलिंगा टीवी के लिए जिले की पूर्णकालिक रिपोर्टर के तौर पर काम करती हैं. जयंती ग्रामीण क्षेत्रों, वहां की आजीविका, संस्कृति, और स्वास्थ्य-शिक्षा से जुड़ी स्टोरी और रपटों पर फ़ोकस करती हैं.
Illustration
Labani Jangi
लाबनी जंगी साल 2020 की पारी फ़ेलो हैं. वह पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की एक कुशल पेंटर हैं, और उन्होंने इसकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल की है. लाबनी, कोलकाता के 'सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़' से मज़दूरों के पलायन के मुद्दे पर पीएचडी लिख रही हैं.
Translator
Devesh
देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.
Editor
Pratishtha Pandya
प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.
Series Editor
Sharmila Joshi
शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.