मैं-यहीं-अपने-घर-में-रहना-चाहती-हूं

Bastar, Chhattisgarh

Jan 17, 2020

‘मैं यहीं अपने घर में रहना चाहती हूं’

छत्तीसगढ़ की एक गोंड आदिवासी, गंगे सोढ़ी अपने दिनों को खेती करने, खाना पकाने, वनोत्पाद लाने और हाट के लिए महुआ की शराब बनाने में व्यस्त रखती हैं। छात्राओं द्वारा स्कूलों के लिए पारी के लिए लिखी गई एक स्टोरी

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Author

Manasa Kashi and Namitha Muktineni

मानसा काशी (कक्षा 11) और नमिता मुल्तिनेनी (कक्षा 12) सेंटर फॉर लर्निंग, बेंगलुरु की 16 वर्षीय छात्रा हैं।

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।