मराठवाड़ा में वर्षा न होने का मतलब है मध्य-जून में ख़रीफ़ की पहली बुवाई से कम पैदावार मिलेगी, जिसकी वजह से किसानों को दूसरी बुवाई के लिए मजबूर होना पड़ता है जिसका कोई भरोसा नहीं। उन्हें रबी के मौसम से पहले कुछ नक़द पैसे जमा करने की ज़रूरत होती है
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
Translator
Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।