लेकिन-मेरे-पास-इश्टीरिओ-है-महाराज

Koraput, Odisha

Aug 05, 2021

‘लेकिन मेरे पास इश्टीरिओ है महाराज’

ग्रामीण इलाक़ों के बहुत से ट्रक या लॉरी ड्राइवर, मसलन कोरापुट में इस गाड़ी को चलाने वाला व्यक्ति ही, मालिक की नज़र बचाते हुए कभी-कभी फ़्रीलांस कैब ड्राइवर की तरह काम करते हैं

Translator

Surya Prakash

Want to republish this article? Please write to zahra@ruralindiaonline.org with a cc to namita@ruralindiaonline.org

Author

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं. वह दशकों से ग्रामीण भारत की समस्याओं की रिपोर्टिंग करते रहे हैं और उन्होंने ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ तथा 'द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम' नामक किताबें भी लिखी हैं.

Translator

Surya Prakash

सूर्य प्रकाश एक कवि और अनुवादक हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में पीएचडी लिख रहे हैं.