उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के गांवों में, होली का त्योहार वह मौक़ा होता है जब महिलाएं जमकर नृत्य करती हैं और उनके गाए गीत पहाड़ों में गूंजते सुनाई देते हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर केंद्रित, पारी की शृंखला के तहत यह फ़ोटो स्टोरी प्रस्तुत है
अर्पिता चक्रवर्ती, कुमाऊं स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं और साल 2017 की पारी फ़ेलो हैं.
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Vatsala da Cunha
वत्सला ड कूना, बेंगलुरु में स्थित आर्किटेक्ट हैं. उनका काम आर्किटेक्चर के शिक्षण में भाषा और आर्किटेक्चर के संबंध पर केंद्रित रहा है. उनका मानना है कि भारत की बहुरंगी, समृद्ध, और सूक्ष्मता से भरी बहुभाषिकता, हमारी सबसे महत्वपूर्ण विरासत है और नई कल्पनाओं का स्रोत भी है.