जिस वक़्त इबादतगाहों के अतीत व अस्तित्व पर सवालिया निशान खड़े किए जा रहे हैं और उनके इर्द-गिर्द भगवा भीड़ उत्पात मचाती नज़र आती है, एक कवि इंसानियत की परतें उघाड़ती है और मुंह उठाते सवालों को बेपर्दा कर देती है
Pratishtha Pandya, Labani Jangi, P. Sainath, Devesh
उत्तर प्रदेश के खुर्जा में हमीद अहमद और उनके भाइयों ने सात पीढ़ियों से “किक-व्हील” तकनीक से मिट्टी के बर्तन बनाने की अनूठी परंपरा को जीवित रखा है. लेकिन गैस से चलने वाली भट्टियों के बढ़ते चलन ने इस व्यापार में मुनाफ़े की संभावनाओं को कम कर दिया है
सिया क़लम, यानी पीतल की वस्तुओं पर हाथ से नक़्क़ाशी करने की कला मुरादाबाद की सबसे पुरानी कलाओं में से एक है, जो यहां के कारीगरों को विरासत में मिली है. इन कलाकारों को समुदाय में बेहद सम्मान की नज़र से देखा जाता है
Mohd Shehwaaz Khan, Priti David, Mohd Shehwaaz Khan, Neer Kumar Jha, Pratima
जनता की उदासीनता, सरकारी उपेक्षा और मनोरंजन की बदलती परिभाषाओं के बीच तमिलनाडु के विल्लुपुरम ज़िले के तेरुकूतु कलाकार, चाहे वे युवा हों या फिर बुज़ुर्ग, इस कला के प्रति अपने जुनून को ज़िंदा रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं