महाराष्ट्र के अमरावती जिले में एक फांसे पारधी शिक्षक द्वारा अपने कमज़ोर और गरीब समाज के बच्चों के लिए बनाए गए विद्यालय को 6 जून को ढहा दिया गया, अब उनके सामने चिंता और अनिश्चितता है
अनिता राठोड़ एक प्रवासी घरेलू मज़दूर हैं, जो हैदराबाद शहर के कई घरों में सफ़ाई और बर्तन धोने का काम करती हैं. उनका दिन सुबह बहुत जल्दी शुरू होता है और वह देर शाम तक काम करती हैं, ताकि अपने परिवार के लिए आजीविका कमा सकें