वत्सला ड कूना, बेंगलुरु में स्थित आर्किटेक्ट हैं. उनका काम आर्किटेक्चर के शिक्षण में भाषा और आर्किटेक्चर के संबंध पर केंद्रित रहा है. उनका मानना है कि भारत की बहुरंगी, समृद्ध, और सूक्ष्मता से भरी बहुभाषिकता, हमारी सबसे महत्वपूर्ण विरासत है और नई कल्पनाओं का स्रोत भी है.
Author
Shatarupa Bhattacharyya
शतरूपा भट्टाचार्य, बेंगलुरु के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज़ से डेवलपमेंट स्टडीज़ में पीएचडी कर रही हैं; उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद से इतिहास में एमफिल किया है.